Kuber Gayatri Mantra Lyrics in Hindi – Chanting 108 Times

Kuber Gayatri Mantra – हिंदू धर्म में देवी देवताओं के साथ-साथ धातु धन और संपत्ति की भी पूजा की जाती है। धन तथा संपत्ति हमारी आजीविका का मूल साधन भी है।

पूजनीय होने के साथ-साथ आजीविका का मूल साधन होने के नाते धन संपत्ति हमारे लिए विशेष महत्व रखती है। हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की भार्या देवी मां लक्ष्मी को धन संपत्ति भाग्य तथा वैभव की देवी माना जाता है।

जबकि हिंदू संस्कृति में कुबेर जी को धन संपत्ति का देवता मानकर पूजा जाता है। भगवान कुबेर को “देवताओं का कोषाध्यक्ष” तथा “यक्षों का राजा” कहा जाता है।

भगवान कुबेर जी धन और सफलता के देवता हैं। उन्हें धन संपत्ति का रक्षक भी कहा जाता है। भगवान कुबेर ब्रह्मा के वंशज और विश्रवा तथा इलविदा के पुत्र हैं। रावण और कुबेर दोनों एक दूसरे के भाई भी हैं। 

उनकी शारीरिक बनावट गोल मटोल थी इसलिए उनका नाम “कुबेर” रखा गया। संस्कृत में कुबेर का अर्थ “गलत आकार” का होता है। शारीरिक बनावट की विषमता के कारण उनका उपहास किया जाता था। 

उपहास से व्याकुल होकर वह भगवान शिव की स्तुति करते हैं जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव उन्हें संपूर्ण धन का रक्षक बना देते हैं। 

इसीलिए सुख समृद्धि वैभव एवं धन संपत्ति की कामना के लिए भगवान श्री कुबेर की पूजा की जाती है तथा कुबेर मंत्र का जाप किया जाता है।

वैसे तो भगवान कुबेर की आराधना के लिए कई मंत्र हैं लेकिन उनकी स्तुति के लिए कुबेर गायत्री मंत्र – Kuber gayatri mantra सबसे प्रभाव शाली मंत्र है। कुबेर गायत्री मंत्र भगवान कुबेर को प्रसन्न करने के लिए समर्पित गायत्री मंत्र है।

आइए आज इस लेख के जरिए कुबेर गायत्री मंत्र का अर्थ महत्व तथा लाभ समझते हैं। साथ ही यह भी बताते हैं कि कुबेर गायत्री मंत्र का जाप कैसे किया जाता है।

Kuber Gayatri Mantra Lyrics – कुबेर गायत्री मंत्र

Kuber Gayatri Mantra Meaning in Hindi – कुबेर गायत्री मंत्र अर्थ

इस कुबेर गायत्री मंत्र में भगवान कुबेर की स्तुति करते हुए कहा गया है कि,

यक्षों के राजा विश्रवा के पुत्र भगवान कुबेर का हम ध्यान करते हैं, आप ही मेरे जीवन को प्रबुद्ध कीजिए।” 

उपरोक्त कुबेर गायत्री मंत्र में भगवान कुबेर की स्तुति करते हुए जीवन को धन ऐश्वर्य के साथ उन्नति और प्रबुद्ध करने की कामना की गई है।

Kuber Gayatri Mantra Benefits in Hindi – कुबेर गायत्री मंत्र का महत्व एवं लाभ

कुबेर गायत्री मंत्र द्वारा भगवान कुबेर की स्तुति की जाती है जिन्हें धन और ऐश्वर्य का देवता तथा रक्षक माना जाता है। इस मंत्र द्वारा भगवान कुबेर की आराधना करने से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

कुबेर गायत्री मंत्र का नियमित जब करने से आय के नए साधन और स्रोत बनते हैं, संपत्ति एवं धन वैभव का लाभ होता है। 

सच्ची श्रद्धा के साथ रोजाना Kuber gayatri mantra का पाठ करने से उपासक के भाग्य खुल जाते हैं तथा उन्नति के मार्ग प्रशस्त होते हैं।

समर्पण एवं एकाग्रता से भगवान कुबेर का ध्यान करने से धन संपत्ति के साथ-साथ ऐश्वर्य बढ़ता है समाज में नई प्रतिष्ठा मिलती है।

इस मंत्र का रोजाना ध्यान करने से आत्मसम्मान में वृद्धि होती है एवं सामाजिक प्रतिष्ठा का लाभ होता है।

भगवान कुबेर का कुबेर गायत्री मंत्र द्वारा स्मरण करने से निवेशकों को निवेश में अत्यंत लाभ प्राप्त होता है। इस मंत्र का जाप करने से भाग्य उज्जवल एवं सकारात्मक होता है तथा धन एवं सुख समृद्धि की दशा में भी परिवर्तन होता है।

भगवान कुबेर की आराधना स्तुति करने से ऋण आदि से छुटकारा मिलता है तथा धन का संचय होने लगता है। कुबेर गायत्री मंत्र का रोजाना पाठ करने से व्यवसाय में काफी लाभ होता है।

धनसंकट की घड़ी में भगवान श्री कुबेर का ध्यान करने से तथा इस कुबेर गायत्री मंत्र का पाठ करने से संकट से निवारण मिलता है। 

इस Kuber gayatri mantra का जाप करने से किसी भी आर्थिक नुकसान की क्षति पूर्ति हो जाती है। तथा व्यवसाय, आय और निवेश के नए अवसर उभर आते हैं।

कुबेर गायत्री मंत्र के साथ-साथ लक्ष्मी कुबेर मंत्र का पाठ करने से दोगुनी फल की प्राप्ति होती है तथा दोगुनी प्रतिष्ठा मिलती है।

अगर आप आर्थिक तंगी के कारण परेशान हैं, धन एवं संपत्ति का ठहराव नहीं होता, सामाजिक प्रतिष्ठा कम होती जा रही है तथा उन्नति का मार्ग नहीं दिखाई पड़ता तो आपको भगवान कुबेर की पूजा करनी चाहिए तथा रोजाना कुबेर गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।

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Method of Chanting Kuber Mantra – कुबेर गायत्री मंत्र का जाप करने की विधि

किसी मंत्र का जाप करने के लिए कुछ विशेष नियम होते हैं। इन नियमों का सही ढंग से पालन करने पर ही मंत्र प्रभावशाली सिद्ध होता है।

ठीक इसी प्रकार कुबेर गायत्री मंत्र जाप के लिए भी कुछ नियम और जब करने की विधियां हैं जिनका पालन करना चाहिए। इनका सही ढंग पालन करने से ही कुबेर गायत्री मंत्र का पूरा लाभ मिलता है।

🟠 कुबेर गायत्री मंत्र का पाठ कोई भी कर सकता है प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में इसका पाठ अत्यंत प्रभावशाली होता है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त के अलावा संध्या काल में भी कुबेर गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है। 

🟠 Kuber gayatri mantra का पाठ करते समय मुख की दिशा उत्तर या पूर्व की तरफ ही होनी चाहिए।

🟠 शौच तथा स्नान क्रिया से निवृत होकर भगवान कुबेर की आराधना करनी चाहिए तथा कुबेर गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।

🟠 कुबेर गायत्री मंत्र का पाठ एकाग्रता तथा समर्पण के साथ करना चाहिए। ऐसा करने से यह मंत्र पूरी तरह फलित होता है।

🟠 कुबेर मंत्र का उच्चारण सावधानी पूर्वक करना चाहिए ताकि पाठ में कोई भी त्रुटि न आए किसी कुबेर गायत्री मंत्र का गलत जाप निष्फल हो जाता है। 

🟠 श्री कुबेर गायत्री मंत्र का रोजाना 108 बार पाठ जाप करने से धन एवं ऐश्वर्य का लाभ निश्चित होता है। 

उपरोक्त नियमों का पालन करके यदि भगवान कुबेर की आराधना की जाए तथा Kuber gayatri mantra का जाप किया जाए तो उसका अच्छा फल जरुर मिलता है।

इस प्रकार आज इस लेख के जरिए हमने कुबेर गायत्री मंत्र – Kuber gayatri mantra का अर्थ महत्व लाभ एवं जाप की विधि तथा नियम समझाया। आपको इस कुबेर गायत्री मंत्र का जाप करते समय उपरोक्त बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।

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