Rahu Gayatri Mantra in Hindi – Benefits, Meaning

Rahu Gayatri Mantra – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल नवग्रह बताए गए हैं जिनमें से दो ग्रह छाया ग्रह कहलाते हैं। बाकी के सातों ग्रहों का अपना भौतिक अस्तित्व होता है लेकिन राहु तथा केतु का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है। इसलिए यह दोनों छाया ग्रह कहलाते हैं।

जातक की कुंडली में राहु और केतु का अपना विशेष स्थान होता है। ज्योतिषों के मुताबिक पूर्व जन्म के कर्म ही कुंडली में राहु तथा केतु की स्थिति निर्धारित करते हैं। जिस जातक का पूर्व जन्म का कर्म अच्छा होता है उसकी जन्म पत्रिका में राहु केतु की स्थिति अच्छी होती है। 

लेकिन राहु और केतु दोनों में से राहु को ज्योतिष शास्त्र का सबसे खतरनाक ग्रह माना गया है। क्योंकि कुंडली में राहु ग्रह की गलत स्थिति सभी दुख एवं दुष्परिणाम का कारण होती है।

लेकिन यदि यही राहु मजबूत और अच्छी स्थिति में हो तो जातक का मंगल ही मंगल होता है। उसका जीवन सुखमय हो जाता है। 

राहु का अशुभ प्रभाव इतना ज्यादा खतरनाक है कि इसकी गलत स्थिति के कारण अन्य ग्रह भी प्रभावित हो जाते हैं तथा जातक पर दुष्परिणाम दिखाने लगते हैं।

कुंडली में राहु ग्रह की अशुभ स्थिति के कारण जातक के जीवन में कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती हैं। जातक के जीवन में शत्रु व्याधि एवं ऋण यह तीनों राहु की अशुभता का ही परिणाम है। 

केवल इतना ही नहीं कुंडली का कालसर्प दोष तथा पितृ दोष भी राहु ग्रह की अशुभता का ही परिणाम है।

इसलिए कुंडली में राहु दोष से मुक्ति पाने के लिए विभिन्न मंत्रों का जाप किया जाता है। हालांकि राहु की स्तुति के लिए राहु गायत्री मंत्र – Rahu gayatri mantra इन सभी मंत्रो में सबसे शक्तिशाली माना जाता है।

सही विधि एवं नियमों का पालन कर राहु गायत्री मंत्र का जाप करने से कुंडली में राहु की स्थिति मजबूत की जा सकती है तथा उसका दुष्प्रभाव कम किया जा सकता है। चलिए आज इस लेख के जरिए आपको राहु गायत्री मंत्र का अर्थ महत्व लाभ एवं जाप की विधियां बताते हैं।

Rahu Gayatri Mantra Meaning in Hindi – राहु गायत्री मंत्र तथा उसका अर्थ

राहु गायत्री मंत्र राहु ग्रह को प्रसन्न करने के लिए गायत्री मंत्र का एक संशोधित रूप है। इसका जाप राहु को प्रसन्न करने का अचूक उपाय है।

राहु गायत्री मंत्र में राहु ग्रह की स्तुति की गई है तथा कहा गया है कि,

मैं उन राहु देव को नमन करता हूं जिनका ध्वज सर्प से सुशोभित है तथा जिनके हाथों में कमल का पुष्प विराजमान है। वह जीवन को प्रकाशित करें तथा मुझे सद्बुद्धि दें।

Rahu Gayatri Mantra Benefits in Hindi – राहु गायत्री मंत्र का महत्व एवं लाभ

जातक की कुंडली में राहु की स्थिति महत्वपूर्ण होती है। आपकी कुंडली में राहु की मजबूत शुभ स्थिति आपका जीवन सुखद एवं संपन्न बन सकती है लेकिन उनकी कमजोरी स्थिति अशुभ स्थान जीवन में तरह-तरह की मुश्किलें पैदा कर सकता है। 

राहु की अशुभ स्थिति की वजह से शादी तथा प्रेम विवाह में बाधाएं आ सकती हैं। महिलाएं गर्भपात की समस्या का सामना कर सकती हैं, शारीरिक व्याधि और मानसिक नकारात्मकता का प्रभाव देखने को मिल सकता है। 

राहु की अशुभ स्थिति के कारण व्यवसाय की हानि हो सकती है, जातक कर्ज में डूब सकता है तथा अन्य भी समस्याएं आ सकती हैं इसलिए राहु को शांत करना अत्यंत आवश्यक है।

राहु की स्थिति विपरीत होने पर दूसरे ग्रह अपना शुभ प्रभाव नहीं दिखा पाते जिस जातक की स्थिति और भी बिगड़ती जाती है। 

इसलिए राहु को प्रसन्न करना जातक के लिए अत्यंत आवश्यक है। राहु का शुभ होना जातक को कुंडली में कालसर्प दोष से मुक्ति दिलाता है।

राहु गायत्री मंत्र का जाप करने से जातक की कुंडली में आने वाले राहु ग्रह के अशुभ प्रभाव दूर हो जाते हैं।

Rahu gayatri mantra का जाप करने से ऋण व्याधि तथा शत्रु का नाश होता है जो राहु ग्रह की कमजोर स्थिति का मूल परिणाम है।

राहु गायत्री मंत्र का जाप करने से जीवन की मुश्किल है आसान हो जाती हैं और सफलता मिल जाती है।

राहु की कमजोर स्थिति के कारण जातक की कुंडली में शुक्र प्रभावहीन हो जाता है जिसकी वजह से मन में लालच जैसी विकृतियां पैदा  होती हैं। 

राहु गायत्री मंत्र का रोजाना पाठ करने से मन की नकारात्मकता दूर होती है तथा बुरी शक्तियां दूर हो जाती हैं। 

जो महिलाएं नियमित राहु गायत्री मंत्र का जाप करती हैं उनकी गर्भधारण क्षमता से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

Rahu gayatri mantra का जाप करने से उपासक का भाग्य उज्जवल होता है तथा नए अवसर दिखाई पड़ने लगते हैं। 

राहु गायत्री मंत्र का जाप करने से शारीरिक रोग और व्याधियों से पूरी तरह मुक्ति मिलती है। तथा स्वास्थ्य अच्छा रहने लगता है।

इस मंत्र का जाप करने से कुंडली के कई दोषों से मुक्ति मिलती है। खासकर Rahu gayatri mantra का जाप कालसर्प दोष का नाश करता है।

राहु गायत्री मंत्र का जाप करने से शनि ग्रह आदि के दुष्प्रभाव से भी छुटकारा मिल सकता है। क्योंकि राहु की विपरीत स्थिति से मिलकर शनि गृह का दुष्प्रभाव और भी ज्यादा बढ़ जाता है।

राहु गायत्री मंत्र का रोज जाप करने से समाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है। साथ ही साथ धन संपत्ति एवं ऐश्वर्य में भी बढ़ोतरी होती है।

राहु गायत्री मंत्र का रोजाना जाप करने से संबंध में मधुरता आती है, प्रेमपरिणय सफल होता है, तथा संतान सुख की प्राप्ति होती है।

Chanting Method of Rahu Gayatri Mantra – राहु गायत्री मंत्र जाप की विधि एवं नियम

राहु ग्रह को नकारात्मक शक्तियों का घर माना जाता है इसलिए राहु गायत्री मंत्र का जाप सदैव सूर्योदय के बाद ही करना चाहिए।

🟠 अगर आप राहु गायत्री मंत्र का पाठ रोजाना ही करना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत दिन शनिवार से करें आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे। 

🟠 संध्या काल में सूर्यास्त के बाद Rahu gayatri mantra का जाप करने से पहले स्नान एवं शौच से निवृत हो लेना चाहिए। शुद्ध शरीर एवं आत्मा के साथ राहु गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।

🟠 राहु ग्रह की पूजा करते समय उन्हें नीले पुष्प ही चढ़ाना चाहिए। साथ ही उन्हें चंदन का भेंट भी देना चाहिए। 

🟠 सूर्योदय के पक्ष अथवा रात्रि में राहु गायत्री मंत्र का जाप करने से सुखद परिणाम मिलते हैं।

🟠 राहु गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए जापकर्ता का मुंह सदैव दक्षिण अथवा पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।

🟠 Rahu gayatri mantra का जाप रोजाना 108 बार ही करना चाहिए। 108 बार राहु गायत्री मंत्र का जाप करने से परिणाम जल्दी मिलते हैं।

🟠 अगर आप राहु ग्रह गायत्री मंत्र का अचूक लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको 40 दिनों में राहु गायत्री मंत्र का 18000 बार जाप करना चाहिए।

🟠 इस प्रकार यदि आप पूरी श्रद्धा और सच्ची निष्ठा के साथ राहु गायत्री मंत्र का रोजाना 108 बार जाप करते हैं तो आप निश्चय ही उनके दुष्प्रभावों से मुक्त हो जाएंगे।

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