Shiv Gayatri Mantra in Hindi Lyrics – शिव गायत्री मंत्र

Shiv Gayatri Mantra – हिंदू धर्म में विभिन्न देवी देवताओं की पूजा की जाती है लेकिन उनमें से ब्रह्मा विष्णु और महेश प्रमुख हैं। 

वेद पुराण के अनुसार ब्रह्मा सृष्टि के रचयिता हैं जबकि भगवान विष्णु सृष्टि के पालनहार तथा भगवान शिव इस सृष्टि के संहारकर्ता हैं।भगवान शिव की आराधना कई अलग-अलग स्वरूपों में की जाती है। उनका रुद्र अवतार साक्षात महाकाल का है जिनके हाथों में इस सृष्टि का संहार कार्य है। 

लेकिन शिव स्वरूप में उनकी पूजा कल्याणकारी है। शिव का अर्थ ही कल्याणकारी होता है। इसलिए अपने कल्याण की कामना लेकर भक्त शिव स्वरूप की आराधना करते हैं।

भगवान शिव की पूजा एवं स्तुति के लिए विभिन्न प्रकार के मंत्र हैं लेकिन उन्हें प्रसन्न करने वाली सबसे शक्तिशाली मंत्र शक्ति शिव गायत्री मंत्र है।

Shiv gayatri mantra सबसे शक्तिशाली मंत्रो में एक है जिसका नियमित जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं तथा जातक को सुख समृद्धि एवं शांति प्राप्त होती है।

वेदों में वर्णित देवी “गायत्री” को “महाकाली” भी कहा गया है। इन्हीं महाकाली को “शक्ति” भी कहा गया है।इसीलिए कहा जाता है कि शिव की आराधना गायत्री मंत्र अर्थात महाकाली “शक्ति” द्वारा करने पर पाप व संकट का समूल नाश होता है। 

शिव गायत्री मंत्र जाप के नियम एवं विधि का पालन करते हुए यदि कोई उपासक शिव गायत्री मंत्र द्वारा शिव की स्तुति करता है तो वह निश्चित ही लाभ प्राप्त करता है।

ज्योतिष शास्त्र में Shiv gayatri mantra का उच्चारण करने के कई लाभ बताए गए हैं। चलिए आज इस लेख के जरिए शिव गायत्री मंत्र का अर्थ महत्व एवं लाभ समझते हैं।

Shiv Gayatri Mantra Lyrics in Hindi – शिव गायत्री मंत्र

गायत्री मंत्र हिंदू संस्कृति के वेद पुराण में वर्णित सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस गायत्री मंत्र की रचना महर्षि विश्वामित्र द्वारा की गई थी। 

गायत्री मूल मंत्र के अलावा हिंदू धर्म में सभी देवी देवताओं के लिए समर्पित गायत्री मंत्र भी है। इन मंत्रों में भगवान शिव की आराधना के लिए भी एक समर्पित गायत्री मंत्र है जिसे शिव गायत्री मंत्र के तौर पर जाना जाता है।

शिव गायत्री मंत्र में भगवान शिव की स्तुति की जाती है जो इस प्रकार है :

Shiv Gayatri Mantra Meaning – शिव गायत्री मंत्र का अर्थ

इस शिव गायत्री मंत्र में भगवान शिव की स्तुति करते हुए कहा गया है कि,

“हे परम पुरुष! देवों के देव महादेव! मैं आपका ध्यान करता हूं। मुझे बुद्धि दीजिए तथा मेरे मन को निज आभा से प्रकाशित कीजिए।”

शिव गायत्री मंत्र द्वारा भगवान शिव की स्तुति की जाती है तथा उनके ज्ञान बुद्धि प्रकाश एवं दया की कामना की जाती है।

Shiv Gayatri Mantra Benefits – शिव गायत्री मंत्र का महत्व एवं लाभ

ऋग्वेद में वर्णित मूल गायत्री मंत्र चेतना की देवी “गायत्री” को समर्पित है। यही देवी गायत्री जी  महाकाली के रूप में भी पूजी जाती हैं।

इसलिए गायत्री “शक्ति” का स्वरूप मानी गई हैं। और शिव की उपासना के लिए “शक्ति” से बड़ा कोई साधन नहीं हो सकता। इसलिए भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है। भगवान शिव की स्तुति करने के लिए इस मंत्र का जाप करना अत्यंत कल्याणकारी है।

यदि किसी जातक की जन्म पत्रिका में कालसर्प दोष है तो उसे शिव गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। इस शिव गायत्री मंत्र का नियमित जाप करने से वह जातक कालसर्प दोष से मुक्ति पा सकता है।

यदि किसी जातक के जन्म पत्रिका में पितृ दोष मिलता है तो उसे भी Shiv gayatri mantra का जाप करना चाहिए। शिव गायत्री मंत्र का जाप पितृ दोष, कालसर्प दोष आदि से मुक्ति दिलाता है।

यदि किसी जातक की कुंडली में राहु केतु की दशा ठीक नहीं है या फिर वह शनि द्वारा पीड़ित है तो उसे भी शिव गायत्री मंत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए।

यदि आप मानसिक तनाव को लेकर विचलित रहते हैं, एकाग्रचित नहीं हो पाते तो निश्चित रूप से आपको शिव गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से आपको मानसिक तनाव दूर होगा, मानसिक शांति भी मिलेगी तथा आप एकाग्र हो जाएंगे।

कालसर्प दोष और पितृ दोष की स्थिति में राहु केतु द्वारा पाप संचय तथा शनि द्वारा दंड का प्रावधान भगवान शिव की नियमावली है। 

अगर उपासक सच्चे मन से शिव गायत्री मंत्र का पाठ करें तो उसे कालसर्प दोष पितृ दोष तथा इन सभी पाप दण्डों से मुक्ति मिल सकती है।

Shiv gayatri mantra का जाप कर भगवान शिव की आराधना करने से मृत्यु का भय काम होता है और मिट जाता है। घर परिवार में सुख समृद्धि एवं खुशहाली आती है।

शिव गायत्री मंत्र का पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है तथा मन की सभी नकारात्मकताएं दूर हो जाती है। इस मंत्र का जाप आपकी आत्मा को बल देता है तथा मन को स्थिरता एवं शांति प्रदान करता है।

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Shiva Mantra chanting method – शिव मंत्र जाप की विधि एवं नियम

शिव गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए किसी विशेष नियम की आवश्यकता नहीं होती। यह जाप कोई भी कर सकता है।

⬤ शिव गायत्री मंत्र – Shiv gayatri mantra का जाप ब्रह्म मुहूर्त में बेहद शुभ फलदायी होता है। इसलिए इसका जाप प्राय ब्रह्म मुहूर्त में ही करना चाहिए।

⬤ प्रात काल ब्रह्म मुहूर्त में शिव गायत्री मंत्र का जाप भगवान सूर्य के सम्मुख अर्थात पूर्व की दिशा में मुंह करके करना चाहिए। जबकि शाम के समय इस मंत्र का जाप सूर्यास्त की दिशा पश्चिम की ओर बैठकर करना चाहिए।

⬤ Shiv gayatri mantra का जाप करते समय प्राणायाम की अवस्था में बैठना चाहिए। सुखासन पर बैठ कर शिव गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।

⬤ शिव गायत्री मंत्र का जाप करते समय एकाग्रता होनी चाहिए तथा अपनी श्वास को भी नियंत्रित करना चाहिए। शिव गायत्री मंत्र का जाप स्नान पश्चात् ही करना चाहिए।

⬤ शौच एवं स्नान से निवृत होकर प्रातः काल शिव भगवान का ध्यान करना चाहिए तथा इस Shiv gayatri mantra in hindi का पाठ करना चाहिए।

इन नियम विधियों का पालन करके अगर शिव गायत्री मंत्र का पाठ करना पूर्ण फलित होता है। अगर आप भी ग्रह की विपरीत दशाएं कालसर्प दोष, पितृ दोष, मानसिक अशांति नकारात्मकता या किसी व्याधि से ग्रस्त हैं तो आपको श्री शिव गायत्री मंत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए।

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