Gayatri Mantra in Hindi Lyrics – Benefits, Meaning – गायत्री मंत्र

हमारी भारतीय संस्कृति में मंत्रो को विशेष महत्व दिया जाता है। भारतीय संस्कृति में देवी एवं देवताओं को प्रसन्न करने के लिए वैदिक शास्त्र में विभिन्न मंत्रो का वर्णन किया गया है। 

इन सभी मंत्रो के जरिए हम देवी देवताओं की स्तुति करते हैं। वेद और शास्त्र में वर्णित इन सभी मंत्रो में से गायत्री मंत्र भी एक है जो अति अधिक प्रभावशाली माना गया है।हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि केवल गायत्री मंत्र के जाप या गायत्री मंत्र के उच्चारण मात्र से ही मनुष्य को आध्यात्मिक व मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि गायत्री मंत्र का सही पालन तथा सही ढंग से उच्चारण करने पर मनुष्य को अपार ऊर्जा और शांति प्राप्त होती है। 

लेकिन गायत्री मंत्र – Gayatri Mantra के इन सभी लाभों के विषय में कम ही लोगों को जानकारी है। हालांकि लोग भले ही गायत्री मंत्र के विषय में जानते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि इसका अर्थ क्या होता है? इसकी उत्पत्ति कहां से हुई? तथा  इसकी रचना  किसने की?

बहुत कम ही लोग जानते हैं कि इस मंत्र का पाठ करने से कौन-कौन से लाभ प्राप्त होते हैं? तथा इसका उच्चारण करने का सही तरीका क्या है?

इसलिए हमने सोचा कि क्यों ना आपको आज एक विस्तृत लेकर जारी गायत्री मंत्र, गायत्री मंत्र का अर्थ तथा इसके लाभ के विषय में बताया जाए। तो चलिए इस लेख के जरिए हम गायत्री मंत्र से जुड़ी यह सारी जानकारियां जानते हैं।

What is Gayatri Mantra? – गायत्री मंत्र क्या है?

गायत्री मंत्र भारतीय वेद में उद्मृत एक महत्वपूर्ण मंत्र है जिसे ॐ के बराबर ही लाभकारी माना जाता है। गायत्री मंत्र की उत्पत्ति यजुर्वेद के ॐ भूभुर्व: स्व: तथा ऋग्वेद के मंत्र को मिलाकर हुई है।

यह पूरा गायत्री मंत्र 24 अक्षरों के संयोग से बना है जिसमें आठ अक्षरों के तीन चरण शामिल हैं।

गायत्री मंत्र निम्नलिखित है!

Origin of Gayatri Mantra – गायत्री मंत्र की रचना एवं उत्पत्ति

गायत्री मंत्र की रचना महर्षि विश्वामित्र द्वारा मानी जाती है। गायत्री मंत्र के देवता सविता अर्थात कुछ अवधारणाओं में सूर्य माने जाते हैं। 

गायत्री मंत्र में सावितृ देव की आराधना की गई है। इसलिए इस मंत्र को सावित्री के नाम से भी जाना जाता है। ऋग्वेद में ही सावितृ देवता का वर्णन किया गया है। वह सौर देवता माने जाते हैं इसलिए कई बार उन्हें सूर्य देवता से साम्य मान लिया जाता है।

गायत्री मंत्र की रचना वैदिक काल के दौरान हुई थी जिसका श्रेय महर्षि विश्वामित्र को जाता है। पुराणों में गायत्री महाशक्ति को ब्रह्मा की पत्नी माना गया है। 

पौराणिक उल्लेखों में ब्रह्मा की दो पत्नि गायत्री और सावित्री बताई गई है। गायत्री का उल्लेख चेतन की शक्ति के रूप में किया गया है जबकि सावित्री का उल्लेख भौतिक संसार की संचालन शक्ति के रूप में किया गया है।

पौराणिक विद्वानों का यह मत है कि गायत्री ना ही नर है तथा ना ही नारी अपितु इनकी उपासना सरल बनाने के लिए उन्हें मातृशक्ति का रूप दिया गया है।

Meaning of Gayatri Mantra – गायत्री मंत्र का अर्थ

गायत्री मंत्र – Gayatri Mantra में प्रत्येक शब्द का अपना एक मूल अर्थ होता है। जैसे कि का अर्थ ब्रह्म का अभिव्याच्या शब्द अथवा आदि ध्वनि होती है जबकि भू: का अर्थ पृथ्वी तथा भुव: का अर्थ अंतरिक्ष एवं स्व: का अर्थ स्वर्ग माना जाता है।

जबकि त: शब्द का तात्पर्य परमात्मा अर्थात ब्रह्म से है एवं सवितु का तात्पर्य सूर्य अथवा ऊर्जा से है। वरेण्यम का अर्थ पूजनीय जबकि भर्ग का अर्थ तेज, प्रकाश अथवा अज्ञान तथा अंधकार का विनाशक होता है।

देवस्य का अर्थ ज्ञान के देव तथा धिमाही का अर्थ ध्यान करना होता है। यो का अर्थ जो एवं न: का अर्थ हमें कथा प्रचोदयात् का अर्थ प्रदान करना होता है।

अलग-अलग विद्वान इन शब्दों का अलग-अलग अर्थ निकलते हैं। हालांकि गायत्री मंत्र का सरल अर्थ यही है कि, “हम उस प्राण स्वरूप, प्रकाश स्वरूप, ज्ञान स्वरूप, देव स्वरूप परमब्रह्म की उपासना करते हैं, ऐसे परम ब्रह्म हमारी बुद्धि और आत्मा को तत्वज्ञान और सन्मार्ग प्रदान करें।”

Benefits Of Chanting Gayatri Mantra – गायत्री मंत्र पाठ के लाभ

गायत्री मंत्र सभी वैदिक मंत्रों में सबसे उत्तम एवं प्रभावशाली माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि Gayatri Mantra पाठ करने से चेतन की नई ऊर्जा एवं शक्ति प्राप्त होती है।

गायत्री मंत्र का रोजाना उच्चारण करने से मनुष्य को आध्यात्मिक एवं मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। गायत्री मंत्र का पाठ करने से मानव शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

गायत्री मंत्र का उच्चारण शारीरिक स्पंदन एवं मानसिक स्पंदन को बढ़ा देता है। यह मंत्र मनुष्य को एकाग्रता और नई चेतना प्रदान करती है।

गायत्री मंत्र का नियमित पाठ करने से बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। अमेरिका के प्रसिद्ध वैज्ञानिक होवर्ड स्टिएनगेरिल ने विभिन्न वैदिक मंत्रों पर एक रिसर्च की थी जिसके बाद वह इस नतीजे पर पहुंचे थे कि गायत्री मंत्र दुनिया का सबसे प्रभावशाली और शक्तिशाली मंत्र है।

उन्होंने बताया कि इस गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से एक सेकंड में तकरीबन 1,10,000 ध्वनि तरंगों का संचार होता है।

How to Chanting Gayatri Mantra? – गायत्री मंत्र का जाप कैसे करें?

वैसे तो गायत्री मंत्र – Gayatri Mantra का जाप कभी भी किया जा सकता है लेकिन प्रातः काल दिनचर्या एवं शौच स्नान से निवृत होकर निश्चित स्थान और एक निश्चित समय पर इसका जाप करना बेहद शुभ फलदायक होता है।

गायत्री मंत्र का जाप सदैव सुखासन पर बैठकर ही करना चाहिए। वैसे गायत्री मंत्र का यह जाप संध्या काल में भी किया जा सकता है।

नियम अनुसार गायत्री मंत्र की तीन मालाएं जाप करनी चाहिए। इस मंत्र का उच्चारण करते समय सदैव स्वयं को एकाग्र चित्त रखें। आप इन सभी उपासना विधियों का पालन करके गायत्री मंत्र का सर्वस्व लाभ उठा सकते हैं।

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