Shani Chalisa Lyrics In Hindi PDF Download – शनि चालीसा

आज हम बात करेंगे Shani Chalisa Lyrics – शनि चालीसा के बारे में और जानेंगे ए मंत्र कितनी महत्वपूर्ण है हमारे जीवन में। बहुत सारे लोग भ्रमित रहते है की इस शनि चालीसा कब पढ़ना चाहिए और शनि चालीसा पढ़ने के क्या तरीके है।  

हिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। इस दिन शनिदेव की पूजा-अर्चना का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि जब शनिदेव किसी पर प्रसन्न हो जाते हैं तो उसकी सारी पीड़ा दूर हो जाती हैं।

शनिदेव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए हर शनिवार की पूजा के दौरान Shani Chalisa का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही परिवार को कभी भी धन की कमी नहीं होती है।

शनिदेव को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है। शनिदेव की पूजा के लिए शनिवार का दिन सबसे अच्छा माना जाता है। चलिए Shani Chalisa – शनि चालीसा पढ़ते है ओर शनि देव को प्रसन्न करते है ।

Shani Chalisa Lyrics In Hindi – शनि चालीसा हिंदी में

शनि चालीसा

|| दोहा ||

जय गणेश गिरिजा सुवन,

मंगल करण कृपाल ।

दीनन के दुख दूर करि,

कीजै नाथ निहाल ॥

जय जय श्री शनिदेव प्रभु,

सुनहु विनय महाराज ।

करहु कृपा हे रवि तनय,

राखहु जन की लाज ॥

|| चौपाई ||

जयति जयति शनिदेव दयाला ।

करत सदा भक्तन प्रतिपाला ॥

चारि भुजा, तनु श्याम विराजै ।

माथे रतन मुकुट छबि छाजै ॥

परम विशाल मनोहर भाला ।

टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला ॥

कुण्डल श्रवण चमाचम चमके ।

हिय माल मुक्तन मणि दमके ॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा ।

पल बिच करैं अरिहिं संहारा ॥

पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन ।

यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन ॥

सौरी, मन्द, शनी, दश नामा ।

भानु पुत्र पूजहिं सब कामा ॥

जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं ।

रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं ॥

पर्वतहू तृण होई निहारत ।

तृणहू को पर्वत करि डारत ॥

राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो ।

कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो ॥

बनहूँ में मृग कपट दिखाई ।

मातु जानकी गई चुराई ॥

लखनहिं शक्ति विकल करिडारा ।

मचिगा दल में हाहाकारा ॥

रावण की गति-मति बौराई ।

रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई ॥

दियो कीट करि कंचन लंका ।

बजि बजरंग बीर की डंका ॥

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा ।

चित्र मयूर निगलि गै हारा ॥

हार नौलखा लाग्यो चोरी ।

हाथ पैर डरवायो तोरी ॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो ।

तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो ॥

विनय राग दीपक महं कीन्हयों ।

तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों ॥

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी ।

आपहुं भरे डोम घर पानी ॥

तैसे नल पर दशा सिरानी ।

भूंजी-मीन कूद गई पानी ॥

श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई ।

पारवती को सती कराई ॥

तनिक विलोकत ही करि रीसा ।

नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा ॥

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी ।

बची द्रौपदी होति उघारी ॥

कौरव के भी गति मति मारयो ।

युद्ध महाभारत करि डारयो ॥

रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला ।

लेकर कूदि परयो पाताला ॥

शेष देव-लखि विनती लाई ।

रवि को मुख ते दियो छुड़ाई ॥

वाहन प्रभु के सात सुजाना ।

जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना ॥

जम्बुक सिंह आदि नख धारी ।

सो फल ज्योतिष कहत पुकारी ॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं ।

हय ते सुख सम्पति उपजावैं ॥

गर्दभ हानि करै बहु काजा ।

सिंह सिद्धकर राज समाजा ॥

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै ।

मृग दे कष्ट प्राण संहारै ॥

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी ।

चोरी आदि होय डर भारी ॥

तैसहि चारि चरण यह नामा ।

स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा ॥

लौह चरण पर जब प्रभु आवैं ।

धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं ॥

समता ताम्र रजत शुभकारी ।

स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी ॥

जो यह शनि चरित्र नित गावै ।

कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै ॥

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला ।

करैं शत्रु के नशि बलि ढीला ॥

जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई ।

विधिवत शनि ग्रह शांति कराई ॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत ।

दीप दान दै बहु सुख पावत ॥

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा ।

शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा ॥

|| दोहा ||

पाठ शनिश्चर देव को, की हों ‘भक्त’ तैयार ।

करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार ॥

Shani Chalisa Padhne Ke Fayde – शनि चालीसा पढ़ने के फायदे

शनि चालीसा का पाठ करने के लिए हर दिन सबसे अच्छा समय माना जाता है। यदि यह संभव न हो तो शनिवार के दिन शनि मंदिर में या बोधि वृक्ष के नीचे शनि चालीसा का पाठ करें।

इसके अलावा जिनकी कुंडली में शनि दोष (शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या) का प्रभाव हो उन्हें भी शनिवार के दिन शनि मंदिर में Shani Chalisa – शनि चालीसा का जाप करना चाहिए।

इसके अलावा घर में शनि चालीसा का पाठ करने से पहले पूजा स्थल को गंगा जल से साफ करे।  उसके बाद सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं और शांत मन से Shani Chalisa – शनि चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से Shani Dev अत्यंत प्रसन्न होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर शनि चालीसा का पाठ 40 शनिवार तक किया जाए तो बहुत लाभ होता है।

हमारे जीवन में निरंतर कोई न कोई दिक्कत बनी ही रहती है. इसीलिए शनि देव की पूजा करने की सलाह दी जाती है. शनि शांत रहते हैं तो जीवन में सुख और शांति बनी रहती है

Shani Chalisa Lyrics in English – शनि चालीसा अंग्रेजी मे

Shani Chalisa

Doha

Jai Ganesh Girija suvan mangal karan kripal |
Dinan ke dukh door kari kijai nath nihal ||

Jai Jai Shri Shanidev Prabhu sunahu vinay maharaj |
Karu kripa hi Ravi tanay rakhahu jan ki laaj ||

॥ Chupai ॥

Jayati jayati Shanidev Dayala ।
karat sada bhagatan pratipala ॥

Chari bhuja, tanu sham viraje ।
mathe ratan mukut chhavi chaje ॥

Param vishal manohar mhala ।
tedhi drishti bhrikuti vikarala ॥

Kundal shravan chamacham chamake ।
hiye maal muktan mani damke ॥

Kar me gada trishul kuthara ।
pal bich kare arihi sahara ॥

Pingal, krishno, chhaaya nandan ।
Yam Konsth, Raudra, dukh bhanjan ॥

Sauri, mand Shani, dash nama ।
Bhanu putra pujahe sab kama ॥

Japar Prabhu prasanna ha ve jahi ।
rankhu raav kare shann maahi ॥

Parvathu trun hoi niharat ।
trinahu ko parvat kari darat ॥

Raaj milat vann Ramahi dinho ।
Kaikeyi hu ki mati hari linho ॥

Vanahu me mrig kapat dikhai ।
Matu Janki gai churai ॥

Lakhana hi shakti vikal karidara ।
machiga dal me hahakara ॥

Ravan ki gati-mati baurai ।
Ramachandra so bair badhai ॥

Diyo keet kari kanchan Lanka ।
baji Bajarang bir ki danka ॥

Nrip vikram par tuhi pagu dhara ।
chitra mayoor nigali gai hara ॥

Haar naulakha lageo chori ।
hath pair daravao tori

Bhari dasha nikrasht dikhao ।
telahi ghar kolhu chalvao ॥

Vinay raag deepak mah kinhao ।
tab prasanna Prabhu have sukh dinho ॥

Harishchandra nrip nari bikani ।
aaphu bhare dom ghar pani ॥

Taise nal par dasha sirani ।
bhunji-meen kud gai pani ॥

Shri Shankarahi gaheo jab jai ।
Paravati ko Sati karai ॥

Tanik vilokat hi kari resa ।
nabh udi gato Gaurisut seema

Pandav par bhai dasha tumhari ।
bachi Draupadi hoti ughari

Kaurav keb hi gati mati mareyo ।
yudh Mahabharat kari dareyo ॥

Ravi kah mukh mah dhari tatkala ।
lekar kudi pareye patala

Shesh dev-lakhi vinati lai ।
Ravi ko mukh te diyo chudai

Vahan prabhu ke saat sujana ।
jag diggaj gardabh mrig svana ॥

Jambuk sinh aadi nakh dhari ।
so phal jyotish kehat pukari ॥

Gaj vahan Lakshmi grih aave ।
hay te sukh sampati upjave ॥

Gardabh hani kare bahu kaja
singh sidhakar raj samaja ॥

Jambuk budhi nasht kar daare ।
mrig de kasht pran sanhare ॥

Jab avahe svan savari ।
chori aadi hoe dae bhari ॥

Taisi chari charan yah nama ।
svarn lauh chandi aru tama ॥

Lauh aharan par jab Prabhu aave ।
dhan jan sampati nasht karave ॥

Samta tamra rajat shubhkari ।
svarn sarvasukh mangal bhari ॥

Jo yah Shani Charitra nit gave ।
kabhu na dasha nikrisht satave ॥

Adbhut nath dikhave leela ।
kare shatru ke nashi bali dhila ॥

Jo Pandit suyogya bulavi ।
vidhivat Shani Grah shanti karai ॥

Peepal jal Shani divas chadhavat
deep daan hai bahu sukh ॥

Kehat Ram sundar Prabhu Dasa ।
Shani sumirat sukh hot prakasha ॥

Doha

Path Shanishchar Dev ko ki ho bhagat taiyar |
Karat path Chalis din ho bhavsagar paar ||

Method of Chanting Shri Shani Chalisa – शनि चालीसा पढ़ने के विधि

शनि चालीसा का पाठ करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जानिए ये नियम.

>> ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर शनिवार सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

>> फिर पास के शनि मंदिर की ओर जाये जाये।

>> इस बीच शनिदेव को सरसों का तेल और काले तिल अर्पित करें । Shani Dev की पूजा करें और Shani Chalisa – शनि चालीसा का पाठ करें।

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